उन्नाव में गालीबाज BJP विधायक का वीडियो वायरल, युवक को थप्पड़ों से मारा, जमकर हुई किरकिरी
अपने विवादित कार्यशैली को लेकर चर्चा में रहने वाले उन्नाव के मोहान विधायक बृजेश रावत का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है. जिसमें वह एक युवक को भद्दी-भद्दी गालियां देने के साथ ही उसे थप्पड़ों से जमकर पीटा है. पास में खड़ी महिलाओं को भी विधायक ने नहीं बख्शा है. वीडियो वायरल होने के बाद सोशल मीडिया कई यूजर्स ने इसकी निंदा की है फिलहाल इस पूरे मामले पर विधायक में अपनी सफाई दी है.मोहान विधानसभा से बीजेपी पार्टी से दूसरी बार विधायक बृजेश रावत का सोशल मीडिया पर 24 सेकंड का एक वीडियो वायरल हुआ. जिसमें वह एक आम की बाग में बाइक पर बैठे युवक को थप्पड़ों से मारा और जमकर गालियां दी हैं. साथ ही उसकी बाइक की चाबी निकाली और कलर पड़कर धमकी दी. इस दौरान पास में ही खड़ा एक युवा के वीडियो बना रहा था, जिस पर मौजूद एक पुलिसकर्मी ने यह बात विधायक को बताई तो विधायक ने वीडियो बनाने वाले युवक को भी गंदी-गंदी गालियां दी और पीछे खड़ी महिलाओं को भी नहीं बख्शा.
क्या बोले विधायक
हालांकि वीडियो वायरल होने के बाद विधायक बृजेश रावत ने बताया है कि एक हमारा छोटा भाई है जो प्राइमरी में टीचर है. जिसको हमने पढ़ाया लिखाया वह आया बिना मेरे बताए गांव में जो बाग है उसके गेट का ताला तोड़ कर आम की के पेड़ों की अमिया तुड़वा चुका था. हमें सूचना मिली तो मैं मौके पर पहुंचा हमने देखा कि पूरे बाग में अमिया फैली हुई थी. वह कच्ची थी और किसी लायक नहीं थी रंजिशन तोड़ के बराबर कर दिया. उसमें बगल के गांव का भतीजा था जो चाचा कह रहा था तो हमने कहा तुम अमिया तुड़वाने में शामिल हो रोज मिलते हो बात नहीं सकते हो और अमिया तोड़ रहे हो.
विधायक ने कहा कि मैंने उसको भी डाटा यह जो वीडियो वायरल किया गया है, उन लोगों ने बड़ी होशियारी से क्योंकि प्लान करके वीडियो बनाया गया है और कुछ नहीं दिखाया जहां पर मेरा पक्ष है. जहां पर मैं दिख रहा हूं उतना ही वीडियो काट छांटकर वायरल किया गया. हमें खेद है जिसे हमने पुत्र समझ कर पाला पोशा वह हमारे साथ इस तरीके से बदतमीजी कर रहा है. इस बात का हमें दुख है जिस तरह से उन्होंने कृत किया है वह शोभनीय नहीं है.
वहीं वीडियो में विधायक द्वारा मार खा रहे युवक कुलदीप ने बताया कि मामला यह है कि विधायक जी के भाई उन्नाव से गांव आए हुए थे. उन्होंने हमसे कहा कि आम तोड़ना है, हम बात तक साथ चले गए अमिया तोड़ रहे थे. इसके बाद विधायक चाचा जी आ गए. कच्ची अमिया टूटी देखा तो गुस्से में आ गए उसी गुस्से में हमे थप्पड मर दिया हमें चाचा से कोई नाराजगी नहीं.
यपी में पेपर लीक पर अब लगेगी लगाम, योगी सरकार कर रही ये खास तैयारी
उत्तर प्रदेश में प्रतियोगी परीक्षाओं में पेपर लीक जैसे मामलों को रोकने के लिए यूपी की योगी सरकार नया कानून लाएगी. इस कानून के जरिए योगी सरकार राज्य में पेपर लीक और साल्वर गैंग जैसी गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ा एक्शन लेगी. अब इसका ऐलान खुद यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी कर दिया है, सीएम योगी ने इसकी जानकारी अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर पोस्ट कर दी है.सीएम योगी ने एक्स पर लिखा-"प्रिय युवा साथियो! उत्तर प्रदेश में चयन परीक्षाओं की शुचिता पारदर्शिता और गोपनीयता को सुनिश्चित करने हेतु हम पूर्णतः प्रतिबद्ध हैं. साल्वर गैंग/पेपर लीक कराने जैसी गतिविधियों पर पूर्णतः रोक लगाने के लिए प्रदेश में शीघ्र नया कानून लागू करने जा रहे हैं. किसी भी कीमत पर युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ स्वीकार नहीं करेंगे."
यूपी : लखनऊ, प्रयागराज व कानपुर समेत सात जिलों के अस्पतालों में ओपीडी सेवा बंद
योगी सरकार ने प्रदेश में तेजी से बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए सात जिलों के सरकारी मेडिकल कॉलेजों एवं चिकित्सा संस्थानों में ओपीडी सेवाएं बंद करने का निर्णय किया है। इसके तहत अत्यंत जरूरी सर्जरी को छोड़कर शेष सभी प्रकार के आपरेशन टालने के निर्देश दिए गए हैं। हालांकि असाध्य रोगियों की समस्याओं को ध्यान में रखकर सरकार ने ऐसे रोगियों के इलाज की सुविधा पहले की तरह ही जारी रखने के निर्देश दिए हैं। साथ ही इमरजेंसी व ट्रामा की सुविधाओं को भी सातों दिन 24 घंटे चालू रखने को भी कहा है। मंगलवार को इस बारे में विशेष सचिव (चिकित्सा शिक्षा) की ओर से आदेश जारी कर दिए गए। इसके तहत प्रदेश के सात जिले मसलन लखनऊ, प्रयागराज, कानपुर, गोरखपुर, आगरा, झांसी व मेरठ के सरकारी मेडिकल कालेजों में ओपीडी सेवाएं बंद करने का निर्णय लिया गया है। साथ ही इन मेडिकल कालेजों में ओपीडी के साथ-साथ आइपीडी की सेवाएं भी सीमित कर दी गई हैं। यहां पर अत्यंत जरूरी सर्जरी के अलावा अन्य आपरेशन को जरूरत के अनुसार आगे टालने के निर्देश दिए गए हैं। यहां कोरोना महामारी की जांच के लिए ओपीडी, नियोनेटल सेवाएं व एंटीनेटल क्लीनिक, कैंसर मरीजों को कीमोथैरेपी व रेडियोथैरेपी सेवाएं तथा किडनी के मरीजों की डायलिसिस की सुविधाएं पूर्व की भांति अनवरत रूप से दी जाती रहेंगी।
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा, 2-3 हफ्ते के लिए पूर्ण लॉकडाउन लगाने पर विचार करे यूपी सरकार
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