Monday, December 23, 2024

डिजिटल महाकुंभ को सुरक्षित महाकुंभ बनाने के लिए साइबर सुरक्षा की दी गई जानकारी...

रिपोर्ट- ईश्वर दीन साहू

प्रयागराज : महाकुंभ के नाम पर तेजी से बढ़ रहे साइबर अपराध और ठगी के मामलों को नियंत्रित करने के उद्देश्य से, पुलिस आयुक्त प्रयागराज के निर्देश पर एक विशेष साइबर सुरक्षा कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यशाला राजकीय बालिका इंटरमीडिएट कॉलेज, सैदाबाद, थाना हंडिया में छात्राओं के लिए और उन्हें डिजिटल वालंटियर बनाने हेतु आयोजित की गई। इस कार्यक्रम में साइबर सेल प्रयागराज के साइबर विशेषज्ञ जय प्रकाश सिंह ने साइबर ठगी के विभिन्न तरीकों और उनसे बचने के उपायों पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि महाकुंभ के नाम पर ठग फर्जी वेबसाइट, होटल बुकिंग और अन्य डिजिटल धोखाधड़ी के जरिए लोगों को निशाना बना रहे हैं।कार्यशाला के दौरान, छात्राओं को इन खतरों से सावधान रहने और दूसरों को भी जागरूक करने के लिए प्रेरित किया गया। कैसे होती है ठगी? महाकुंभ जैसे बड़े आयोजनों का फायदा उठाकर साइबर ठग फेक वेबसाइट्स तैयार करते हैं। ये वेबसाइट्स असली दिखने के लिए आकर्षक डिजाइन और असली सेवाओं का दावा करती हैं, जैसे कि होटल बुकिंग, टेंट बुकिंग, पार्किंग पास, और अन्य सुविधाएं। जल्दबाजी में लोग इन पर भरोसा कर लेते हैं और पैसे गंवा बैठते हैं। कैसे करें फेक वेबसाइट की पहचान। 1. यूआरएल जांचें: असली वेबसाइट "https://" से शुरू होती है। फेक वेबसाइट्स के यूआरएल में गड़बड़ियां होती हैं। 2. सरकारी वेबसाइट का उपयोग करें: केवल आधिकारिक वेबसाइट्स पर भरोसा करें। 3. स्पेलिंग और डिज़ाइन पर ध्यान दें: फेक वेबसाइट्स में अक्सर शब्दों की गलत वर्तनी होती है। 4. समीक्षा और रेटिंग्स पढ़ें: वेबसाइट पर लेनदेन से पहले उसका सत्यापन करें। फेक होटल बुकिंग से बचने के उपाय: • होटल बुकिंग से पहले होटल के ऑफिशियल नंबर पर कॉल करके पुष्टि करें। • केवल मान्यता प्राप्त प्लेटफॉर्म्स से ही भुगतान करें। • व्यक्तिगत जानकारी, जैसे आधार कार्ड या बैंक डिटेल्स, असुरक्षित वेबसाइट्स पर साझा न करें। सरकारी योजनाओं के नाम पर हो रही ठगी: कार्यशाला में यह भी बताया गया कि किस तरह से ठग प्रधानमंत्री आवास योजना, छात्रवृत्ति योजनाएं, और अन्य सरकारी योजनाओं का नाम लेकर लोगों को धोखा देते हैं। 1. फेक कॉल्स और मैसेज: ठग नकली कॉल्स या मैसेज के माध्यम से लोगों से पैसे जमा करने या व्यक्तिगत जानकारी मांगते हैं। 2. फर्जी लिंक: ऐसे लिंक भेजे जाते हैं, जो देखने में असली लगते हैं लेकिन उनके जरिए ठग आपकी निजी जानकारी चुरा लेते हैं। 3. सावधान रहें: सरकारी योजनाओं की जानकारी के लिए केवल आधिकारिक वेबसाइट्स और कार्यालयों पर भरोसा करें। कार्यशाला में उपस्थित प्रधानाचार्या डॉ. सरिता वर्मा, वरिष्ठ शिक्षिका हिमाशिनी बजाज और अन्य शिक्षिकाओं ने साइबर सेल प्रयागराज के इस प्रयास की सराहना की। प्रधानाचार्या ने छात्राओं से डिजिटल वालंटियर बनने का आग्रह किया, जिस पर कई छात्राओं ने स्वेच्छा से अपना नाम दिया। डिजिटल वालंटियर के रूप में, वे अपने घर और आस-पास के लोगों को साइबर अपराध से बचाव की जानकारी देंगी। कार्यक्रम के समापन पर जय प्रकाश सिंह ने कहा, "डिजिटल जागरूकता ही सुरक्षा है। महाकुंभ जैसे आयोजनों में साइबर अपराध से बचने के लिए सतर्क रहना और दूसरों को जागरूक करना हमारी प्राथमिक जिम्मेदारी है। कार्यशाला में छात्राओं और शिक्षकों ने इस प्रयास की सराहना करते हुए इसे हर स्तर पर सफल बनाने का संकल्प लिया।

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