रिपोर्ट- ईश्वर दीन साहू
कौशाम्बी : आई०जी०एस० सन्दर्भ सं०-40017424025403 40017424025404 40017424025405 40017424025-403 शिकायतकर्ता विनोद कुमार पुत्र निवासी ग्राम भग्गू निवासी ग्राम-भीखागरग का पूरा मजरा जाठी तहसील मंझनपुर द्वारा आराजी सं0-1545 मि0 पर दिक्षीणगएर ज्ञान चन्द्र यादव आदि के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराते हुए प्रश्नगत आराजी पर किसी भी प्रकार कब्जा व दखल रोकने के सम्बन्ध में दिये गये शिकायती प्रार्थना पत्र का स्थलीय एवं अभिलेखीय जॉच कराया गया, िंजसमें पाया गया कि आराजी साः- 1545मि) एखामा 0.1140 हे० पर छितिया पत्नी छेदी लाल व छेदी लाल पुत्र बुधई तथा ज्ञान चन्द्र पुत्र सियाराम आदि का नाम राजस्व अभिलेखों में दर्ज है। भूमि पर शिकायतकर्ता द्वारा पिलर खड़ा कर अवैध रूप से कब्जा किया गया था। जिसको मा० उच्च न्यायालय के आदेश दिनांक 26.01.2023 के क्रम में नायव तहसीलदार की उपस्थिति में दिनांक-30.10.2024 को अवैध कब्जा हटाकर पट्टा आवंटित को कब्जा दिलाया गया। वर्तमान समय में किसी भी प्रकार का कोई नया निर्माण नहीं हो रहा है, मौके पर यथा स्थिति बनी हुई है। आराजी से सम्बन्धित मा० राजस्व परिषद् प्रयागराज के कम्प्यूटरीकृत वाद सं० ए०एल०-202202-4200-3335 विनोद कुमार व अन्य बनाम ज्ञान चन्द्र अन्तर्गत धारा-110 राजस्व संहिता 2006 के आदेश दिनांक 04.06.2024 द्वारा दायर निगरानी बलहीन होने के कारण निरस्त कर दी गयी है। मा0 उच्च न्यायालय के आदेश 16.01.2023 के क्रम में कार्यवाही सुनिश्चित करने का आदेश पारित किया गया है। उसी आदेश के क्रम में विपक्षी ज्ञानचन्द्र को कब्जा दिलाया गया है। शिकायत की जाँच के समय शिकायतकर्ता मौके पर उपस्थित हुए तथा शिकायतकर्ता को निस्तारण आख्या से अवगत कराए जाने पर असन्तुष्ट एवं स्पॉट मेमों पर हस्ताक्षर करने से इंकार किया गया है। जिसका सत्यापन जिलाधिकारी श्री मधुसूदन हुल्गी द्वारा मौके पर स्वयं जाकर किया गया, जिसका निस्तारण सही पाया गया। इसी प्रकार आई०जी०आर०एस० सन्दर्भ संख्या-92417400017378 शिकायतकर्ता महेश सिंह पुत्र अज्ञात निवासी ग्राम जाठी तहसील महानपुर द्वारा कब्जा करने के सम्बन्ध में दिये गये शिकायती प्रार्थना पत्र का स्थलीय एवं अभिलेखीय जॉच राजस्व टीम द्वारा कराए जाने पर पाया गया कि प्रार्थी ने जिन लोगों के नाम शिकायती प्रार्थना पत्र दिया है, वे लोग प्रार्थी के निजी भूमि जो संक्रमणीय भूमिधर है, में पूर्व से घर बनाए हुए ह,ैं वहां की सरकारी भूमि पर कोई भी कब्जा नहीं किया जा रहा है। बगल में प्रार्थी के परिवार की भूमिधरी की भूमि है, जिस पर कुछ मकान बने हुए है। प्रार्थी को अवगत करा दिया गया है कि वे मकान आपके चाचा की भूमिधरी भूमि में बना है, प्राथी सन्तुष्ट है। जिसका सत्यापन जिलाधिकारी श्री मधुसूदन हुल्गी द्वारा मौके पर स्वयं जाकर किया गया, जिसका निस्तारण सही पाया। इसी प्रकार आई०जी०आर०एस० सन्दर्भ संख्या-15174240199713 शिकायतकर्ता तेजबली पुत्र बेनी प्रसाद निवासी हिसामबाद मजरा कोशम खिराज तहसील मंझनपुर द्वारा प्रार्थी को उसकी जमीन दिलाये जाने के सम्बन्ध में दिये गये शिकायती प्रार्थना पत्र के स्थलीय एवं अभिलेखीय जांच में पाया गया कि आ०सं०-852 1024. 1083 व 1029 में सहखातेदार के रूप में बतौर संक्रमणीय भूमिधर दर्ज है। आवेदक आराजी के अलावा अन्य गाटों पर आपसी खानदानी बटवारे के तहत काबिज है, आवेदक खानदानी बटवारे में मिले गाटे के आलावा अन्य आराजी में भी बटवारा चाहता है, जिस कारण विपक्षी से विवाद होता है । प्रकरण भूमिधरी भूमि का बटवारा से सम्बन्धित है, आवेदक को अवगत करा दिया गया कि यह अधोहस्ताक्षरी के न्यायालय में उ०प्र० राजस्व संहिता 2006 की धारा-116 का बाद योजित कर अनुतोष प्राप्त करें। जिसका सत्यापन जिलाधिकारी द्वारा मौके पर स्वयं जाकर किया गया, जिसका निस्तारण सही पाया गया।
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